top of page

डेंगू


डेंगू

कारण: डेंगू वायरस चार प्रकार के होते हैं, जैसे कि डेन-1, डेन-2, डेन-3 और डेन-4 (DEN-1, DEN-2, DEN-3, DEN-4)। हर साल, दुनिया भर में करीब 10 करोड़ लोग डेंगू बीमारी से संक्रमित होते हैं।

प्रसार

  • डेंगू के वायरस, मच्छर के काटने से फैलता है। अगर किसी को डेंगू का बीमारी है, और कोई मच्छर उस मरीज से खून पीता है, तो मच्छर में डेंगू वायरस युक्त खून चला जाता है। फिर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को यह मच्छर काटता है, तो डेंगू का वायरस उसमें चला जाता है। मच्छर को “वेक्टर” कहते हैं।

  • डेंगू सभी मच्छर से नहीं फैलता है। यह केवल कुछ जाति के मच्छर से फैलता है। एक प्रकार का मच्छर, जिसका नाम है, “एडिस एजिपटाई” इस बीमारी का संक्रमण कर सकता है।

लक्षण: ज्यादातर डेंगू बीमारी के कोई लक्षण नहीं होते हैं या हल्के फ्लू जैसे लक्षण होते(80%) हैं

डेंगू का एक से अधिक लक्षण होता है। अगर आपको नीचे लिखे हुये लक्षण में से कुछ भी है, जो साधारण दवा से ठीक नहीं हो रहा है, तो डाक्टर से दिखलाने जायें।

बुखार:

आमतौर पर बहुत तेज़ होता है

बुखार दो से सात दिनों तक रहता है

बाइफसिक : बुखार काम होने के बाद दुबारा एक या दो दिनों के लिए लौट आता है

चकत्ते:

डेंगू के लक्षणों वाले सिर्फ 50-80% लोगो में ही चकत्ते होते हैं

बीमारी की शुरुआत या ठीक होते समय हो सकते हैं

सिरदर्द (आमतौर पर आंखों के पीछे )

दर्द : खास कर मांसपेशियों और जोड़ों में भयानक दर्द होता है जिसके चलते ही इसे हड्डी तोड़ बुखार कहते हैं।

मतली और उल्टी, पेट खराब हो जाना, उसमें दर्द होना, कै होना, दस्त लगना,भूख ना लगना​

डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS), डेंगू हेमरेजिक बुखार (DHF)

इसके लक्षण बुखार के 3-5 दिनों के बाद शुरू होते हैं

यह जरुरी नहीं की यह स्टेज सभी डेंगू के मरीजों में आये

डेंगू शॉक सिंड्रोम /डेंगू हेमरेजिक बुखार के लक्षण डेंगू बुखार के समान हैं लेकिन इनमें कुछ और सीरियस लक्षण भी होते हैं

  • पेट में तेज़ और लगातार दर्द होना

  • लगातार उल्टी और उलटी में खून आना

  • नाक, मुँह और मसूड़ों, इंजेक्शन साइट या अन्य स्थानों से खून बहना या

  • खाल (स्किन) में लाल/नीले चक्क्ते बनाना

  • लैट्रिन काली आना

  • बहुत प्यास लगना

  • स्किन का ठंडा या पीला पड़ना

  • बेचैनी या नींद न आना

शिशुओं और बुजुर्गों में डेंगू शॉक सिंड्रोम /डेंगू हेमरेजिक बुखार अधिक होने की संभावना ज्यादा होती है

महिलाओं और लम्बी बीमारी, जैसे की डायबिटीज या अस्थमा, के मरीजों में बीमारी गंभीर हो सकती है

इलाज़: उपचार का मुख्य तरीका सहायक चिकित्सा देना ही है । कुछ दवा इस प्रकार से है

  • खूब सारा आराम करें

  • अधिक पानी पियें

  • बुखार के लिये “पेरासिटामोल या “एसिटाअमिनोफेन ले सकते हैं।

  • बुखार के लिये “एसपिरीन या उसके जैसे दवा न लें। यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है, जैसे की खून की बीमारी ।

बचाव

डेंगू बीमारी एक वायरस से होता है, किंतु यह बीमारी एक मच्छर द्वारा फैलता है। मच्छर पानी में अंडा देकर, और मच्छर फैलाते हैं। यह जीवनचक्र करीब 1 हफ्ते में पूरा होता है। इसका मतलब है कि, अगर कोई रोकने का उपाय न किया गया तो हर हफ्ता, मच्छर का तादाद दौगुना होगा। इससे मच्छर से फैलने वाले बीमारी भी अधिक होंगे। तो डेंगू को रोकने के लिये आपको अपने घर और मोहल्ले में मच्छर को कम करना होगा।

लक्ष्य

अगर आप डेंगू के मरीज़ है, तो आप को दो लक्ष्य होना चाहिये। पहला कि आप जल्द से जल्द स्वस्थ हो सकें और दूसरा कि आप दूसरों को यह बीमारी न फैलायें। अपने लिये डाक्टर द्वारा बताये गये इलाज का पालन करें। दूसरों को यह बीमारी न फैलाने के लिये आप कुछ बातों का ध्यान रख सकते हैं –

  • मच्छर द्वारा काटने से बचने का हर उपाय करें

  • हमेशा मच्छरदानी का प्रयोग करें

  • मच्छर मारनेवाला दवा का प्रयोग करें

Featured Posts
Recent Posts
Archive
Search By Tags
Follow Us
  • Facebook Basic Square
  • Twitter Basic Square
  • Google+ Basic Square
bottom of page